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देव श्रीमाली, MP News. ग्वालियर नगर निगम की कांग्रेसी मेयर डाॅ. शोभा सतीश सिकरवार ने अचानक एक बड़ा सियासी दांव खेलकर बीजेपी को बड़ी मुसीबत में डाल दिया। मेयर ने अचानक एमआईसी की बैठक में नल के बिलों का लगभग 130 करोड़ रुपए जलकर बकाया को माफ करने का प्रस्ताव मंजूर कर परिषद को भेज दिया। परिषद में बीजेपी का बहुमत है और अब गेंद उसके पाले में आने से उसके लिए बड़ा संकट पैदा हो गया है।
130 करोड़ रुपए के जलकर माफी का प्रस्ताव
मध्यप्रदेश की ग्वालियर नगर निगम की एमआईसी ने अचानक एक बड़ा और ऐतिहासिक फैसला लिया है। जिसमें 2021 से पहले के नलों के बिलों को माफ करने का निर्णय शामिल है । जिसका फायदा सीधे तौर ग्वालियर नगर निगम की सीमा के दायरे में आने वाली 12 लाख की आबादी को होगा। इस फैसले से लगभग 130 करोड़ रुपए के जल के बिल माफ किए जाएंगे।
एजेंडे से बाहर जाकर रखा प्रस्ताव
एमआईसी की बैठक ग्वालियर में महापौर शोभा सिकरवार की अध्यक्षता में 6 बिंदुओं को लेकर बुलाई गई थी। इसमें पानी के बिलों का बिंदु इसके एजेंडे में नहीं थाए लेकिन महापौर शोभा सिकरवार ने एन वक्त पर इसे एमआईसी में लाकर प्रस्ताव में हरी झंडी दे दी है।
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कोरोना काल में लोग परेशान रहे, इसलिए लाए जल कर माफी का प्रस्तावः मेयर
मेयर का कहना है कि कोरोना के दौर में आम इंसान परेशान था, इसलिए उन्होंने पानी के बिलों को माफ करने का फैसला लिया है। साथ ही आने वाले वक्त में गार्बेज शुल्क यानी सफाई कर को भी माफ करने प्रस्ताव बनाया जा रहा है।
बीजेपी बहुमत में होने के बाद असमंजस में
कांग्रेस ने मेयर चुनाव के समय जल कर और सफाई कर माफ करने का वादा किया था और बीजेपी अब उसे इस मुद्दे पर घेर रही थी। एमआईसी का यह यह प्रस्ताव अब नगर निगम परिषद की बैठक में जाएगा वहां बीजेपी बहुमत में है। अब बीजेपी के सामने बड़ा धर्मसंकट है कि यदि वह इस प्रस्ताव के समर्थन में वोट करती है तो इसका श्रेय कांग्रेस की मेयर को मिलेगा और अगर वह इस प्रस्ताव को परिषद में अटका या गिरा देती है तो कांग्रेस इसको लेकर बड़ा जन आंदोलन खड़ा करने की रणनीति बनाकर इस मामले को विधानसभा चुनावों तक खींच सकती है।